रविवार, 5 दिसंबर 2010
रविवार, 28 नवंबर 2010
बुधवार, 24 नवंबर 2010
mithunraj96.00000@blogger.com Rolex.com Now -04%
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शनिवार, 20 नवंबर 2010
रविवार, 14 नवंबर 2010
गुरुवार, 11 नवंबर 2010
mithunraj96.00000@blogger.com Today For You -65%
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शनिवार, 6 नवंबर 2010
सोमवार, 1 नवंबर 2010
RE: mithunraj96.00000@blogger.com Rolex For You -85%
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रविवार, 31 अक्टूबर 2010
सोमवार, 25 अक्टूबर 2010
रविवार, 24 अक्टूबर 2010
Antarvasna Email Club Message
"पति ने अपनी पत्नी को चुदवाया"
आज अन्तर्वासना के भण्डार से आपके लिए प्रस्तुत है पृथ्वी बिराना द्वारा प्रेषित कथा !
*-*-*-*-*-*-*-*-* "पति ने अपनी पत्नी को चुदवाया"*-*-*-*-*-*-*-*-*
सबसे पहले सभी प्यासी चूतों को मेरे लंड का सलाम !
दोस्तो, मेरा नाम राजेश कुमार है, मैं आप सब प्यासी चूत वालियों का अपने 7" के खड़े लंड से स्वागत करता हूँ। मैं अन्तर्वासना डॉट कॉम साईट का बहुत पुराना पाठक हूँ। मैं 24 साल का लड़का हूँ, मेरी ऊंचाई 175 सेमी और मेरा वजन 65 किलो है।
मैं राजस्थान का रहने वाला हूँ और आजकल गांधीनगर (गुजरात) में रह रहा हूँ। गांधीनगर में एक सुरक्षा प्रदान करने वाली कम्पनी में काम करता हूँ और हर 3-4 महीने बाद घर जाता हूँ।
मैंने बहुत साहस करके अपनी सच्ची कहानी लिखने की कोशिश की है। मैं आप लोगों को बता दूँ कि मैं एक नंबर का चूत का चुस्सू हूँ, मुझे चूत चूसने, चाटने और चूत का रस पीने में बड़ा मज़ा आता है, वैसे मैं एक कॉल बॉय बनना चाहता हूँ।
एक बार मैं नेट चैट कर रहा था तो मुझे अहमदाबाद रूम में एक आदमी मिला। मैं उससे बात करने लगा। उसका नाम केतन, उम्र 32 साल और उसकी पत्नी ललिता 30 साल की थी। केतन ने चैट के दौरान उसने बताया कि वो अपनी पत्नी को किसी और से चुदते देखना चाहता है और ललिता भी चाहती है कि दो मोटे लंड उसकी चूत और गांड में एक साथ घुसें।
तो मैंने कहा- यार, मेरे से ही चुदवा लो !
तो वो राजी हो गया।
मैंने केतन को बताया कि मैं एक कॉल-बॉय हूँ और दो घंटे के 10000 लेता हूँ। तो उसने कहा- तू पहले अपना लंड वेब कैमरे पर दिखा ! यदि अच्छा लगा तो 12000 दूंगा।
मैंने उसे अपना लंड दिखाया, उसने कहा- तेरा तो बहुत मोटा है। तुझे मैं 15000 दूंगा।
और उसने कहा- यह सब संभव कैसे होगा?
तो मैंने कहा- मैं शनिवार को तेरे घर आता हूँ, तू अपनी पत्नी को बोलना कि यह मेरा दोस्त है और 1-2 दिन रुकेगा।
उसने कहा- ठीक है।
मैं शनिवार को दोपहर दो बजे उसके बताये पते पर गया। वो भावनगर का रहने वाला था। फिर मैंने उसको अपनी योजना समझाई, मैंने कहा- मैं तुझे शाम को एक गोली दूंगा जो तुम अपनी पत्नी को दे देना।
उसने कहा- ठीक है !
मैंने उसे पूरी योजना बता दी।
उसने शाम को वो गोली पीस कर मिठाई में मिला कर ललिता को दे दी। फिर ललिता ने खाना बनाया। फिर केतन और ललिता हॉल में आकर बैठ गए तो केतन मुझसे बोला- यार कौन सी मूवी देखोगे?
तो मैंने कहा- यार, आज तो कोई चुदाई वाली दिखा दो !
तो उसने कहा- यार, एक हिंदी की पोर्न मूवी है चला दूँ क्या ?
मैंने कहा- नेकी और पूछ-पूछ !
अब मैं आगे की कहानी सबकी जुबानी सुनाता हूँ।
अब केतन ने हिंदी पोर्न मूवी चला दी। मूवी में एक लड़की दो लड़कों के लंडों को चूस रही थी, दोनों के लंड बहुत मोटे थे। वो बारी-बारी से दोनों लंडों को चूस रही थी। कभी दोनों को एक साथ चूस रही थी।
राजेश : यार केतन यह देख ! मूवी में लड़की क्या माल है बड़े मजे से चूस रही है दो -दो लंडों को !
केतन : हाँ यार बड़ी मस्त माल है !
यह कहते हुए केतन ललिता की चूचियों को जोर से मसलने लगा तो ललिता सिसकी लेने लगी और थोड़ी देर में वो भी केतन के लंड को पैन्ट के ऊपर से सहलाने लगी। कमरे में सिसकारियों का माहौल हो गया।
केतन : यार बड़े मजेदार मूवी है ! राजेश तुझे पता है ललिता भी दो लंडों से चुदवाने का सपना रोज देखती है।
ललिता : आःह्ह ....केतन क्या बोल रहे हो तुम ? मैंने तुमसे ऐसा कब कहा?
केतन : ललिता जब तुम और में परसों रात यही मूवी देखते हुए चुदाई कर रहे थे तो तुम कह तो रही थी कि काश मैं भी ऐसे ही दो लंडों को चूसती और दोनों लंडों से एक साथ चुदवाती !
अब तक मूवी में एक लड़का नीचे बैठ कर उसकी चूत चूस रहा था और दूसरा अपना लंड चुसवा रहा था। थोड़ी देर में एक लड़का सोफे पर बैठ गया और उसने उस लड़की की गांड में लंड डाल कर अपने ऊपर बिठा लिया और दूसरे ने उसकी चूत में लंड पेल दिया।
इधर केतन ने ललिता को नंगा कर दिया और सोफे पर लेट कर उसकी चूत चूसने लगा और ललिता का मुँह मेरी तरफ था जहाँ में बैठा था वो केतन का लंड चूस रही थी इधर मैंने भी अपने कपड़े खोल दिए और अपने लंड को हाथ में पकड़ कर मुठ मारने लगा।
राजेश : यार केतन देख तो कैसे चुदवा रही है साली एक लंड गांड में और एक चूत में !
केतन : हाँ यार बड़ी मस्त चुदवा रही है और ललिता तू क्या कह रही थी कि तूने कब कहा था दो लंडों से चुदवाने के लिए ? तो जब हम कल चुदाई करते हुए यह दृश्य देख रहे थे तब तूने कहा था कि काश ऐसे दो लंडों से मेरी भी चुदाई होती !
ललिता : हाँ साले कहा था ! और आज दो लंड भी हैं आज तो मैं दो लंडों से ही चुदवाउंगी ! राजेश तुम वहां बैठे हुए क्यों मुठ ।मार रहे हो ? मैं हूँ ना तुम दोनों की रंडी ! मैं चूसूंगी तेरे लंड को !
केतन (मेरी तरफ आँख मारते हुए) : हाँ यार यह है न अपनी रांड ! इससे चुसवा अपना लंड ! जब तक मैं इसकी चूत चूसता हूँ ! फिर इसकी चूत और गांड दोनों एक साथ चोदेंगे।
राजेश (ललिता के पास आकर अपना लंड ललिता के मुँह में ठूंसता हुआ) : ले साली रंडी ! अब चूस दोनों लंडों को उस रंडी की तरह ! (टीवी की तरफ इशारा करते हुए)
ललिता : आजा मेरे लौड़े राजा आज तो मेरी चूत और गांड दोनों की आग बुझ जाएगी और आज मेरा बहुत पुराना सपना भी पूरा हो जायेगा दो लंडों से चुदवाने का सपना ! आऽऽह्ह ....... जोर से चूस केतन मेरी चूत को आह्ह्हह्ह ...ओऽऽहऽ ....
केतन : ओऽऽहऽ .... . ....जोर से ही तो चूस रहा हूँ ! तू भी अपनी जीभ घुमा दोनों लंडों पर ! मेरा निकलने को आ रहा है ओऽऽहऽ ..........आऽऽह्ह ..........
राजेश : केतन, यार कैसा स्वाद है ललिता की चूत का ?
केतन : यार, यदि तूने चख लिया तो जिन्दगी भर तुझे ललिता की चूत ही नजर आएगी स्वाद के मामले में !
ललिता : राजेश, मैं तुझसे बाद में चुसवाउंगी, पहले दोनों से एक साथ चुदवाउंगी ! आऽऽह्ह ...... मैं गई ........ओऽऽहऽ .... ....जोर जोर से ..... आऽऽह्ह...... ऊह्ह्हह्ह्ह्ह .. गई मैं !
ललिता केतन के मुँह में झड़ गई और केतन ललिता के मुँह में ! अब केतन नीचे बैठ गया और ललिता ने उसके लण्ड पर अपनी गांड रख कर केतन का लंड अपनी गांड में ले लिया। अब मैंने भी अपना लंड ललिता की चूत पर रख कर एक ही झटके में पेल दिया। फिर दोनों मिलकर ललिता को चोदने लगे।
ललिता : सालो, आज तुम दोनों अपने लंड का कमाल दिखा दो और मेरी गांड और चूत को फाड़ दो आऽऽह्ह ..... ओह्ह्ह्हह जोर से केतन ओऽऽहऽ .... ....राजेश तुम भी जोर से आऽऽह्ह ....रेल की तरह दौड़ा दो अपने लंड को मेरी गांड और चूत में !
राजेश : ले मेरी रानी ! केतन, आज की रात तो इसे चोद चोद के इसका हाल बुरा कर देंगे आऽऽह्ह .........क्या कसी चूत है तेरी जब चूत ही इतनी कसी है तो गांड तो और भी तंग होगी।
केतन : हाँ, सही बोल रहा है राजेश यार ! इसकी चूत और गांड दोनों ही कसी हैं। मेरा लंड तो इसकी गांड में बुरी तरह फंसा हुआ है। ले मेरी रंडी, दबा के चुदवा ले, आज तो तेरा बहुत पुराना सपना पूरा करने के लिए ही मैंने राजेश को बुलाया है।
ललिता : ओह ! मेरे राजा तुम कितने अच्छे हो केतन कि तुम मेरे लिए एक मोटा और अपने जैसा ही लम्बा लंड ढूंढ कर लाये ! आज तो मैं पूरी रात दबा कर अपनी चूत और गांड फड़वाउंगी। आह्ह्ह्हहह्ह्ह्ह .....जोर से लंड देवताओ, जोर से ! फाड़ दो मेरी चूत को ! आःह्ह्ह्ह .....
राजेश : आज तो हम दोनों तेरी चूत और गांड का कीमा बना देंगे। अब तो मैं रोज तुझे चोदने आया करूँगा, क्यों केतन?
केतन : हाँ यार, अब तो रोज चोदा करेंगे स्साली को मिलकर !
ललिता : अब तो राजेश तुम यहीं रहोगे और मेरी गांड और चूत का रोज मज़ा लोगे ! केतन, इसको तुम अपनी कंपनी में जॉब दे दो और मेरे पास छोड़ दो, मैं रोज दिन में भी इससे चुदवाया करुँगी।
हमारी चुदाई 30 मिनट तक चली। इस बीच ललिता तीन बार झड़ गई थी और केतन ने उसकी गांड में अपना पानी छोड़ा और मैंने अपना पानी उसके मुँह में भर दिया। इस प्रकार केतन ने अपनी पत्नी ललिता को मुझसे चुदवाया और अब तो हम हर दूसरे तीसरे दिन उसकी चुदाई करते और वो मेरा नियमित ग्राहक भी बन गया है और मुझे हर बार के सात हज़ार रूपए देता है।
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बुधवार, 20 अक्टूबर 2010
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शनिवार, 9 अक्टूबर 2010
रविवार, 3 अक्टूबर 2010
Antarvasna Email Club Message
"तो हुआ यूँ"
आज अन्तर्वासना के भण्डार से आपके लिए प्रस्तुत है अंतरा द्वारा प्रेषित कथा !
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आप सबको आपकी अंतरा का रस भरा नमस्कार
तो हुआ यूँ :
अब बाली उमर में मेरा दाना मस्तियाने लगा। उमर इतनी भी नहीं थी कि शादी की सोचती ! बड़ी बहनें भी तो थी !
मेरी चूचियाँ कमबख्त मेरी ही चोली की रगड़ से कड़ी हो जाती और कभी मूतने के लिए बैठने पर जब ठंडी हवा चलती तो मेरी चूत रस छोड़ने लग जाती। क्या करूं, कुछ समझ में ही नहीं आता था। हर वक़्त बस केला ही याद आता था। मेरी माँ भी बैरन रोज रात को सिसक-सिसक कर चूत पेलवाती थी और मेरी फड़कती चूत मुझे चिढ़ाती थी। मैंने भी सोच लिया कि कुछ रास्ता निकालना पड़ेगा।
एक रोज दोपहर को मुझे मेरी माँ ने पापड़ सुखाने के लिए दिए और कहा- इनको छत पर ठीक से फैला देना, देखना उड़ न जायें, मैं पड़ोस में जा रही हूँ, शाम तक आउंगी।
मैं पापड़ों को ले कर छत चली गई। दोपहर होने के कारण पड़ोस की सभी छतें खाली थी। हमारी छत में एक किनारे पर एक कमरा है जिसमे कबाड़ रहता है। मुझे वहाँ से कुछ आवाजें सुनाई दी। मैं दबे पांव वहाँ पहुँची तो देखा कि हमारे माली का लड़का वहाँ अपने लंड को निकाल कर मसल रहा था और उसके हाथ में एक किताब थी।
मैं डर गई और दूसरी तरफ जा कर पापड़ सुखाने लगी। कुछ देर में वो वहाँ से निकला और मुझे देख कर जल्दी जल्दी भाग गया। मैं कुछ बोल भी नहीं पाई।
उस दिन मेरी बड़ी बहन सोमा ने मुझे बुलाया और मेरे कान पकड़ के दो थप्पड़ लगा दिए। मैं कुछ पूछती, इससे पहले उसने कहा- क्यूँ रांड ! छत पर कमल के साथ रंगरलियाँ मन रही थी?
मैंने कहा- नहीं, मैं तो पापड़ सुखाने गई थी !
तो सोमा ने मुझे फिर लताड़ा और मुझे वो नंगी किताब दिखाई और कहा- यह किताब मुझे कमल ने दी है और तेरी शिकायत की है कि तूने यह किताब उसे दिखाई और उसका लं.... पकड़ा !
यह साफ़ झूठ है सोमा ! मैंने कुछ नहीं देखा।
"कमीनी ... रंडी....."
सोमा ने मुझे बहुत पीटा। मुझे यह समझ नहीं आ रहा था कि साले कुत्ते के बच्चे ने मुझे किताब दिखाई होती तो रंडवे को मुठ मारने की जरुरत नहीं पड़ती.....
मैंने दोनों से बदला लेने की कसम खा ली।
उसी शाम की बात है मैं छत पर गई तो उसी कमरे से सोमा के हँसने की आवाज आई...
मैं फिर दबे पांव वहाँ पहुंची तो कमल की आवाज भी आई। मैंने खिड़की से झाँका तो मजा आ गया।
सोमा ने अपने लहंगे को कमर तक चढ़ा रखा था और कमल खड़े खड़े अपना लंड उसकी चूत में पेल रहा था। दोनों मेरे बारे में बातें कर रहे थे।
"साली को मारने में बहुत मजा आता है" ...स्स्स्स ....हया..........
"उम्फ़ ...... लेकिन दिखती मस्त है ...." कमल ने एक और चाप मारी....
"तेरे लंड को चाहिए क्या उसकी चूत........मादर....स्स्स.....आःह्ह.....मेरी चूत .........चोद न.... हाईई..आःह्ह......."
"दिला दे न...... तेरे को रोज चोदूँगा........ "
" भोसड़ी के .......... मेरी मार ले ..........उसको तो मैं इस गाँव के हर कुत्ते से चुदवाउंगी. ..... रंडी ने हमारी माँ हमसे छीनी है......."
मैं गुस्से से पागल हो गई और वहीं दरवाजे के सामने खड़े हो कर बोली- तू कौन सा शरीफों वाला काम कर रही है....... तेरी फ़ुद्दी नहीं फड़क रही क्या.........
सोमा ने मुझे देखा और कमल से बोली- पकड़ इसको.........
कमल ने तेजी से लपक के मुझे पकड़ा और घसीट के वहीं पटक दिया......
मैं कराह उठी.....
फिर सोमा ने कमल से कहा- तू इसकी लेना चाहता था न .......... ले अभी चोद डाल ! इसकी मुनिया को चूत बना दे........
कमल ने मेरी स्कर्ट को खींचा तो वो उतर गई.....
मैं रोने लगी.... मुझे छोड़ दो....... मैं किसी से कुछ नहीं कहूँगी ! मुझे जाने दो......
पर सोमा ने मेरे होठों पर अपने होंठ भीच लिए और मेरी जीभ चूसने लगी..........
कमल ने भी अपना हाथ तेजी से मेरी चूचियों पर फेरना शुरू किया .....
मैं हाथ पैर मारने लगी......
तो कमल ने वहीं कबाड़ से एक पुरानी साड़ी उठा कर मेरे दोनों हाथ पीछे करके बाँध दिए.....
मेरी कुर्ती को सोमा ने मेरा मुँह दबा के उतार दिया..... और मेरी छाती पर बैठ गई........
कमल ने मेरे पैरों को फैला के अपना मुँह मेरी चूत में लगा दिया और जीभ निकाल के फिराने लगा। मेरी चूत तो सोमा की चुदाई देख कर ही पनिया गई थी।
रांड पूरी गर्मी में है...... कमल ने सोमा को देख कर कहा जो मेरे होठों को चूसे ही जा रही थी।
चल पेल दे अपना लौड़ा इसकी चूत में........... सोमा ने मुझे देखते हुए कहा।
कमल ने बिना देरी किये अपना सात इंच का मूसल मेरी चूत में रखा और मेरे दाने को रगड़ने लगा।
मैंने आँखे बंद कर ली.........
फिर कमल ने अपना सुपारा मेरी चूत में घुसाया तो मैं मचल गई ........
सोमा ने भी अपनी चूत मेरे मुँह की तरफ कर दी और बोली- चाट इसको रंडी...
मैं तो मस्ती में आ गई थी..... मैंने सोमा की चूत में जीभ चलानी शुरू की.......
उधर कमल ने अपना लंड मेरी चूत में पूरा पेल दिया........
हाय क्या मजा आया. उफ़. सी.......हाय........हम्म्म्म........
सोमा भी मेरे चाटने से मस्त हो रही थी- आह्ह.. क्या चाट रही है.... कुतिया.......... हाय...... कसम से........स्स्स....स्स्स्स....ह़ा.ह्ह्ह्हह......
उधर कमल मेरी चूत को अपनी पूरी मर्दानगी से चोद रहा था................ उहम...हम्म.हा..हम्म्म.....
पूरा कमरा हम लोगों की बहकती आवाजों से गूँज रहा था........
फिर सोमा मेरे दूध चूसने लगी और कमल कभी मेरी चूत में लंड डालता और कभी सोमा की चूत में डालता... मैंने भी सोमा को नंगा कर दिया था....... उसके दूध हिलते हुए मस्त लग रहे थे.........
तभी कमल ने मेरी चूत में अपना लंड डाला और जोर जोर से पेलने लगा......
हाय..हाय...स्स्स.स्स्स्स. उम्म्म. हाँ चोदो....... मारो मेरी........ फाड़ दो........ हाय...... क्या मजा है......स्स्स्स. हाय. ....सोमा.....मुझे चुदवा दे......... हर कुत्ते से............. हाय..... मैं तो मस्त हो गई.....
मेरा बड़बड़ाना सुन के सोमा भी मस्तिया गई और जोर जोर से अपनी चूत में ऊँगली चलने लगी...... स हा.आआ ...........और सोमा झड़ने लगी.......... उसने अपनी चूत मेरे मुँह में टिका दी ....... मैंने उसकी चूत चाट के मस्त कर दी......सोमा अलग हट के मेरी चूची दबाने लगी.....
फिर..... कमल ने अपनी स्पीड बढ़ाई और मुझे कुचलने लगा........ मैंने उसकी गांड को कस के अपनी ओर खींचा...... हया........आःह्ह........
और हम दोनों झड़ने लगे......... वीर्य की गर्म फुहार ने मेरे प्यासे जोबन को मस्त कर दिया....
कमल मेरे ऊपर लुढ़क गया..... मैं उसके बालों से खेलते हुए उसके लंड को सहलाने लगी............
और सोच रही थी कि सोमा को गाली दूं या.......उसकी चूत चूम लूँ............
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गुरुवार, 30 सितंबर 2010
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मंगलवार, 28 सितंबर 2010
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