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शुक्रवार, 25 मार्च 2011
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बुधवार, 16 मार्च 2011
रविवार, 13 मार्च 2011
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तकनीकी कारणों से अन्तर्वासना पर नई कहानियाँ कई दिन के लिए बन्द रही। लेकिन अब कहानियाँ हर रोज प्रकाशित की जा रही हैं। आपको हुई असुविधा के लिए खेद है।
"स्वीटी जानू का मिलन"
आज अन्तर्वासना के भण्डार से आपके लिए प्रस्तुत है अमन कपूर द्वारा प्रेषित कथा का दूसरा भाग !
कहानी का पूरा मज़ा लेने के लिए www.antarvasna.com पर इसका पहला भाग भी पढ़ें !
*-*-*-*-*-*-*-*-* "स्वीटी जानू का मिलन-2"*-*-*-*-*-*-*-*-*
दोस्तो, स्वीटी और जानू का मिलन-1 में आपने पढ़ा कि मैंने श्रेया की चूत नहीं चाटी।
अब आगे पढ़ें कि मैंने चूत क्यूँ नहीं चाटी....
वो बोली- तुमने मेरी चूत क्यूँ नहीं चाटी?
मैंने कहा- मैं स्वीटी(चूत) के मुंह से बाद में चाट लूँगा।
फिर मैंने उसकी स्वीटी में ऊँगली डाल कर चॉकोलेट को निकाला और अपनी उंगली चाट गया। कभी कभी मैं ऊँगली उसके मुँह के पास ले जाकर चाट लेता तो वो तड़प उठती।
लगभग एक घंटा हो रहा था और वो बहुत तड़प रही थी और बार बार बोल रही थी- अब जल्दी से जानू को स्वीटी से मिला दो ! नहीं तो अब मैं मर जाउंगी।
दोस्तो, इस तरह से लडकी तड़प रही हो तो चोदने में और भी मज़ा आता है।
मैंने उसका एक पैर ऊपर उठाया और अपना लंड उसकी स्वीटी चूत में सटा दिया, उसकी चूत कुंवारी होने की वज़ह से कसी हुई थी। मैंने अपने लंड पर थूक लगाया और एक झटके से आधा लंड उसकी
चूत में डाल दिया।
वो चिल्ला उठी।
मैंने उसके मुँह पर अपना मुँह रख दिया और जोर जोर से चूमने लगा और धीरे धीरे अपना लंड हिलाने लगा।
उसकी चूत से खून निकल रहा था। फिर जब वो मस्त होकर गांड उठाकर मेरा साथ देने लगी तो मैंने अपना पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया। वो दर्द से कराह उठी।
थोड़ी देर बाद जब दर्द कम हुआ तो वो कहने लगी- जोर लगा कर चोदो... फक्क में हार्ड....
मैं उसको जोर जोर से चोदता रहा।
वो तीन बार झड़ चुकी थी।
अब मैं भी झड़ने वाला था तो मैंने उससे पूछा।
तो वो बोली- मेरी स्वीटी जानू का रस पीयेगी अब ! मैं तो एक बार रस पी चुकी हूँ।
अब मैं उसकी चूत में झड गया। फिर हम एक दूसरे को चूमते रहे।
मैं अपना लंड उसके स्तनों के बीच में दबा कर हिलाने लगा और लंड महराज फिर से खड़े हो गए। फिर मैंने उसको कुतिया बना कर अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया और उसको 15 मिनट तक
चोदा। फिर मैंने अपना लंड चूत से निकाल कर उसके कसी हुई गांड में डाल दिया।
वो चिल्ला पड़ी और बोली- जानू तुमने मेरी गांड भी मार ली?
मैंने कहा- आज मैं तुमको जिन्दगी के सारे सुख़ दूंगा !
उसकी गांड को चोदते हुए मैं उसकी चूत का दाना सहला रहा था। दोस्तो, किसी लडकी की सबसे बड़ी कमजोर नस उसकी चूत का दाना होता है। इस दाने को कभी दबाना नहीं चाहिए, केवल इसके
इर्द-गिर्द ऊँगली फिराने से लड़की अपने आप चोदने को कहने लगेगी।
ऐसा ही हुआ।
वो इतने में बोल ही दी- जानू एक बार और चोदो ना !
मैंने अपना लंड उसकी चूत में फिर से डाल दिया और जोर-जोर से उसको चोदने लगा...
वो मेरे को चूमती जा रही थी। फिर वो मुझे लेटा कर मेरे लंड पर अपनी चूत रख कर चुदने लगी।
मैं फिर से झड़ने वाला था।
तब वो बोली- अब मेरे मुँह में जानू प्लीज़ !
मैंने अपना लंड उसकी चूत से निकाल कर उसके मुँह में मुठ मारना चालू कर दिया। थोड़ी देर बाद मेरा गरम लावा उसके मुँह पर गिरा और वो मेरा सारा लावा पी गई।
फिर हम सारा दिन एक साथ एक दूसरे की बाहों में नंगे लेटे रहे। वो मेरे को चूमती रही और मैं उसको।
उसके बाद हम कई बार मिले और कई बार मैंने उसकी चुदाई की।
वो मेरे बिना नहीं रह सकती थी। वो कहती रही- अमन, तुम मेरे सबसे प्यारे हो ! कभी मुझसे दूर मत जाना ! मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूँ।
दोस्तो, आज दो साल के बाद उसको बहुत मिस करता हूँ | मुझको पता है कि वो अब अमेरिका में है पर कहाँ है यह पता नहीं।
आई लव यू वैरी मच श्रेया !
तुम जहाँ भी हो खुश रहो ! यह मेरी दुआ है।
ऐसी ही बहुत सी नई नई कहानियाँ आप हर रोज पा सकते हैं www.antarvasna.com पर !
*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-समाप्त-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*
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