"स्वयंवर का सच"
आज अन्तर्वासना के कथा-भण्डार से आपके लिए प्रस्तुत है अरमान द्वारा लिखित तथा प्रेम गुरु द्वारा प्रेषित कहानी !
गुरूजी
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*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*- "स्वयंवर का सच" -*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*-*
मैं जानता था कि यह राखी कपूर एक नंबर की चुद्दकड़ है। ये स्वयंवर वाली बात तो महज पब्लिसिटी बटोरने का एक तरीका है उसे कोई शादी वादी नहीं करनी है। ऐसी फुद्दैड़ औरतों को शादी विवाह और घर गृहस्थी जैसी बातों में तो ज़रा भी विश्वास नहीं होता।
इन्हें तो बस किसी भी तरह दौलत और शोहरत चाहिए भले ही किसी भी कीमत पर मिले। पता नहीं साली ने कितने लंड खाए होंगे पर नाटक तो ऐसा करती है जैसे कोई छुईमुई और एक दम अक्षत-यौवना ही हो।
...... इसी कहानी में से
सच कहूँ तो यह कहानी अरमान की ही है। उसने मुझे जाल-संवाद के दौरान बताई थी। मैंने तो बस इसे कहानी का रूप देकर संपादित ही किया है। लेकिन इससे क्या फर्क पड़ता है। आप सभी कहानी का लुत्फ़ तो ले ही सकते हैं : प्रेम गुरु
पिछले हफ्ते मेरी असली शादी हो गई है। आप जरूर सोच रहे होंगे शादी तो असली ही होती है इसमें बताने वाली क्या बात है?
अरे नहीं भाई मेरा मतलब यह था कि मैं एक बार पहले भी शादी में दूल्हा तो नहीं पर प्रतियोगी जरूर बन चुका हूँ। अरे आप ने मुझे नहीं पहचाना। मैं अरमान साहिल फ्रॉम इलाहाबाद ?
याद आया ना राखी कपूर का स्वयंवर ?
हाँ मैं अरमान हूँ 25 साल का सजीला जवान। लंड की साइज़ 8" मोटाई 2", हाँ तो मैं अपनी शादी की बात कर रहा था। गीता के साथ मेरी शादी हो गई है। एक ख़ास बात आपको गीता के बारे में बता दूँ...
वो मुझे रोज़ अपने हाथों से रात को गर्म दूध जरूर पिलाती है और दूध के गिलास को देख कर फिर मुझे राखी का स्वयंवर फिर याद आ जाता है। अब कल की बात सुनो- रात को जब मैं कमरे में आया तो वो हाथो में दूध का गिलास लिए मेरा इंतजार ही कर रही थी।
वो बोली "अरमान ! पहले ये गर्म दूध पी लो !"
"नहीं आज मैं यह नकली नहीं असली दूध पिऊंगा ?" मैंने दूध का गिलास परे रख दिया और उसे बाहों में कस कर भर लिया और तडातड़ कई चुम्बन उसके गालों होंठो और उरोजों पर ले लिए। वो थोड़ा कुनमुनाई और बोली,"ओह... अरमान थोड़ा सब्र तो करो ... !"
"ओह मेरी गीता रानी अब सब्र नहीं होता ! प्लीज जल्दी से अपने कपड़े उतारो !"
और मैंने अपने कपड़े उतारने चालू कर दिए।
गीता बोली,"नहीं अरमान ! प्लीज आज नहीं !"
"क्यों ??"
"ओह ... तुम औरतों की परेशानी नहीं समझते ?"
"ओह बताओ ना? क्या हुआ ?"
वैसे तो हमेशा खुद ही कपड़े खींचती थी। आज क्या हो गया मेरी गीता रानी को ?
"वो .. वो .. आज रेड सिग्नल है गाड़ी आगे नहीं जा सकती !" कहकर उसने अपनी गर्दन झुका ली।
मेरा तो मूड ही खराब हो गया। वो मेरे पास आई और बोली "तुम पिछले सात दिनों से रोज़ चार-पाँच बार कर रहे हो ! अब तीन दिन आराम करो और मुझे बस ऐसे ही प्यार करो।"
"ओह .. हाँ " और मैंने उसे बाहों में भर लिया।
"अरमान, एक बात पूछूं ?"
मैंने हाँ में गर्दन हिलाई तो वो बोली "देखो सच बताना ?"
पता नहीं वो क्या पूछना चाहती थी …
"तुम राखी के स्वयंवर में गए थे ना ?"
"हाँ तुम जानती तो हो ?"
"ओह मैं तो इतना जानती हूँ कि तुम वहाँ गए थे पर वहाँ क्या हुआ पूरी बात बताओ ना प्लीज ?"
"बाकी सब तो तुमने टीवी पर देख ही लिया था पर एक बात टीवी पर नहीं दिखाई गई थी ?"
"वो क्या ?"
"तुम्हें पता होगा हम पाँच प्रतियोगियों को एक-एक घंटे के लिए अकेले राखी के साथ कमरे में बंद कर दिया गया था आपस में बात करने के लिए ?"
"हाँ हाँ ?" उत्सुकतावश गीता की आँखें चमक उठी "प्लीज जल्दी बताओ अन्दर क्या किया तुमने और राखी ने ?"
"ओह .. तो यह बात है ?"
"प्लीज बताओ ना ?"
"तुम बुरा तो नहीं मानोगी ना ?"
"नहीं पर प्लीज सच बताना झूठ नहीं ?"
"मैंने उसकी चुदाई कर दी बस !"
"हुंह ... पूरी बात बताओ ना ?"
गीता जब इस तरह तुनकती है तो उसकी खूबसूरती और भी बढ़ जाती है।
"अरे यार पूछो मत ! मज़ा आ गया था! क्या चूत है साली की ! बड़ी ही तीखी है ! उछल उछल कर लंड लिया था उसने अपनी चूत में !"
"प्लीज पूरी बात बताओ ! तुम्हें मेरी कसम !"
तो सुनो :
प्रोग्राम होस्ट राम कपूर ने हमें कमरे में बंद कर दिया और बोला कि अब एक घंटे तक तुम और राखी अपने मन की सारी बातें कर लो जो सब के सामने नहीं कर सकते। तो राखी ने कहा- नहीं, टाइम की कोई बंदिश नहीं होनी चाहिए ! हम अपने आप बाहर आ जायेंगे !
राम कपूर और निर्देशक मान गये और हम दोनों कमरे में आ गए।
मैं जानता था कि यह राखी कपूर एक नंबर की चुद्दकड़ है। यह स्वयंवर वाली बात तो महज पब्लिसिटी बटोरने का एक तरीका है उसे कोई शादी वादी नहीं करनी है। ऐसी फुद्दैड़ औरतों को शादी विवाह और घर गृहस्थी जैसी बातों में तो ज़रा भी विश्वास नहीं होता ।
इन्हें तो बस किसी भी तरह दौलत और शोहरत चाहिए भले ही किसी भी कीमत पर मिले । पता नहीं साली ने कितने लंड खाए होंगे पर साली नाटक तो ऐसा करती है जैसे कोई छुईमुई और एक दम अक्षत-यौवना ही हो।
मैं भी उसके स्वयंवर में एक प्रतियोगी बना था। मैं जानता था कि उसका दिल मेरे ऊ़पर आ गया है। बस वो तो मौके के इंतज़ार में ही थी जैसे।
एक बात और बताता हूँ... मैंने जब पहली बार सेक्स किया था तब से अपने साथ कंडोम और वियाग्रा की गोली अपने पर्स में जरूर रखता हूँ। वो इसलिए कि किस्मत और पेंटी का नाड़ा कब कब खुल जाए कोई नहीं जानता। और इसका असली फायदा मुझे उस दिन हुआ था।
हम दोनों एक दूजे की बाहों में लिपटे कमरे के अन्दर आ गए। कमरा बहुत बड़ा था और आलिशान था। विदेशी इत्र की मादक महक से भरा था। पलंग पर गुलाब की पत्तियाँ बिखरी थी। साथ की टेबल पर दूध के दो ग्लास पड़े थे। दो सोफे जैसी कुर्सियाँ पड़ी थी। धीमी रोशनी और इंग्लिश धुन बजाता मध्यम संगीत तो किसी को भी रोमांटिक बना दे।
"अरमान ! पहले दूध पी लो !" राखी ने मर्दमार आवाज में कहा।
साली ! अभी से क्या हुक्म चलाती है। जैसे मैं उसका पति ही हूँ।
दूध पीने के साथ साथ मैंने चुपके से एक गोली वियाग्रा की भी खाली थी। बाद मैं और राखी पलंग पर बैठ गए।
मैं कुछ पूछना चाहता था पर इससे पहले कि मैं कुछ पूछूं वो बोली,"अरमान तुमने किसी की पहले भी चुदाई की है ?"
मैं हैरान हुआ उसे देखता ही रह गया।
"अरे मेरे भोले सनम इसमें शरमाने की क्या बात है प्लीज बताओ ना ?"
"वो .. वो .. दर असल ?" मेरी तो जैसे बोलती ही बंद कर दी थी उसने।
"ओह .. तुम तो लड़कियों की तरह शर्मा रहे हो ?" वो खिलखिला कर हंस पड़ी।
अब तक गोली ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया था। अब मुझे भी जोश आ गया मैंने कहा, "हाँ की है 3-4 को चोद चुका हूँ ?"
"जीयो मेरे राजा ... फिर तो मज़ा इच आ जाएगा आज ?"
"क्या मतलब ?" मैंने हैरानी से उसकी और देखा तो बोली "अच्छा बताओ तुम्हें किस आसन में सबसे ज्यादा मज़ा आता है ?"
"वो .. वो .. मुझे तो डॉगी वाला स्टाइल पसंद है !"
"हाई मैं मर जावां !" और उसने मेरे गालों को चूम लिया।
"गुड ... मेरा भी पसंदीदा आसन यही है !"
"क्या तुम पहले से ही ... मेरा मतलब .. ?"
"हाँ मेरे राजा !"
"तो फिर यह शादी ...? स्वयंवर... ?"
"ओह ये सब तो बस पब्लिसिटी स्टंट है। टीवी पर जब तक कोई नई चीज नहीं दिखाई जाए टी.आर.पी. नहीं बढ़ती ना !"
"ओह .. एक बात पूछूं ?"
"बोलो ?"
"फिर वो तुमने चीका को थप्पड़ क्यों मारा था ?"
मैं एक भारतीय नारी हूँ कुछ तो भारतीयों जैसा करना पड़ेगा ना इस लिए ? वो सब चीका और डाइरेक्टर का प्रायोजित ड्रामा था यार !"
"कैसे ?"
"तुम भी अक्ल के दुश्मन ही हो... अरे बाबा उस शिल्पा को इऽच लो, साली हरामजादी रांड उस फिरंगी (गेर) के साथ एक चुम्मा देकर कितना फेमस हो गई थी ? और.. और वो... साली संभावना शेट्टी की बच्ची ... मेरा बस चले तो मैं उसकी चुटिया पकड़ कर जमीन पर पटक दूं.. साली की वाट इच लगा दूं !"
"ओह .. पर उसने तुम्हारा क्या बिगाड़ा है ?"
"उसने .. उसने .. तो मेरा बेड़ा इच गर्क कर दिया था !"
"वो कैसे ?"
"जब बिग बॉस शो चल रहा था तो पहले बिग बॉस मेरी चुदाई करना चाहता था पर उस रांड ने पता नहीं उस को क्या पिला दिया था कि वो तो उस पर लट्टू ही हो गया । साली ने जरूर उसे गांड मारने दी होगी । वो साला एक नंबर का गांडू है ना !"
"ओह ...."
"इसीलिए मैंने भी सोचा कि क्यों ना कोई नया ड्रामा किया जाए !"
"ओह तो यह तुम्हारी चाल ही है... मेरा मतलब नया ड्रामा !!"
"और नहीं तो क्या ? तुम क्या सोचते हो कि यह जो स्वयंवर चल रहा है, मैं कोई सचमुच शादी करने वाली हूँ ? अपुन को कोई शादी-वादी नहीं मांगता यार !"
"क्या मतलब ?"
"हाँ ... भई जिस दिन फैसला करने की घड़ी होगी उस दिन सगाई का ऐलान करूंगी और तीन या चार महीने का समय मांगूंगी, उसे ठोक बजा कर देखूंगी अगर बन्दा मेरी हर बात मानेगा और अच्छी तरह से मेरी चुदाई करेगा तो इच उस से शादी करुँगी नहीं तो बाय बाय ! समझे ?"
"तो क्या ये सब भी ... ?"
"जियो मेरे राजा.... तुम भी एक नंबर के लड्डू गोपाल ही हो। मुझे कोई शादी वादी नहीं करनी मैं तो किसी ढंग की आसामी की तलाश में हूँ। अगर कोई अक्ल का अँधा और गाँठ का पूरा (मालदार फुद्दू) मिल गया तो मजा इच आ जाएगा जैसे...... ऐलिश ?" कहते हुए राखी खिलखिला कर हंस पड़ी।
मैं क्या बोलता मैं तो सोचता ही रह गया ये टीवी वाले भी कैसे कैसे टोटके आजमाते हैं अपनी टी. आर. पी. बढाने के लिए।
"ओह तुम कहाँ खो गए मेरे राजा ?"
"नहीं कुछ नहीं ?"
"आओ अब समय बर्बाद मत करो तुम्हें दो-तीन शिफ्टों में काम करना है !" राखी का खुला आमंत्रण सुनकर मैं तो उछल ही पड़ा। मेरा लंड तो आज अकड़ कर 8" से भी ज्यादा बड़ा हो गया था और फूल कर जैसे कुप्पा ही बन गया था। वो तो बस अपना आपा ही खोने वाला था ।
"ओह येस..."
"अब देर किस बात की है तुम तो बड़े अनुभवी हो चलो शुरू हो जाओ ?" और उसने मेरी और आँख मार दी।
पहले तो मैं कुछ समझा नहीं बाद में मैंने उसे दबोच ही लिया। वो तो उईईच .... आह... करती ही रह गई।
"ओह ... अरमान डार्लिंग ऐसे नहीं पहले कपड़े तो उतारो !"
मैंने झट से अपने कपड़े उतार दिए और फिर राखी के सारे गहने उतार दिए ताकि कोई परेशानी ना हो। उसके बाद मैंने उस के गालों पर एक छोटा और प्यार सा किस किया।
वो तो बिलकुल भी नहीं शरमा रही थी। चोली के अन्दर मोटे ताजे दो कबूतर कैद थे मानो बोल रहे हो हमें यहाँ से आजाद कर दो हमारा दम घुट रहा है।
यहाँ पर मैंने ऐसा नहीं किया और राखी को किस करने लगा और एक हाथ से उसके ब्रा में कैद स्तनों को दबाने लगा जिससे वो गर्म हो रही थी और मुंह से सिस्कारियों की आवाज़ निकल रही थी,"ह्म्म्म्म..... आहाह्ह्हन्न्न्न्न्न्न.... बड़ा मज़ा आ रहा है ...."
करीब दस मिनट तक किस करते हुए मैं उसके वक्ष भी दबाता रहा जिससे वो पूरी तरह से गर्म हो चुकी थी। अब मैंने उसका साया भी निकाल दिया और अब वो केवल पैंटी और ब्रा में थी। साली के क्या मस्त चूतड़ थे। मोटे मोटे फुटबाल हो जैसे। मैं जानता हूँ कि यह राखी एक नंबर की फुद्दैड़ रांड है तभी तो इतने मस्त झकास चूतड़ हैं, लगता है साली जरूर गांड मरवाने की भी शौकीन है।
मैंने उससे कहा,"राखी तुम बहुत सुन्दर हो, तुम्हारा हर अंग खुदा ने बड़ी ही फुर्सत में तराशा है जिसमें एक भी दाग नहीं है। मैं बहुत किस्मत वाला हूँ जो मुझे तुम मिली !"
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